गेंहू के ज्वारे में सबसे प्रमुख तत्व क ...
लगातार एक ही प्रकार के फसल एक ही भूमि में उगाने से भूमि की उपजाऊ पन धीरे-धीरे नष्ट होने लगती है और उत्पादन में भी कमी होने लगती है । इसके लिए यह आवश्यक है कि किसी फसल को लगातार एक ही खेत में उगाने से अच्छा है फसलों को अदल बदल कर बोना।
फसल चक्र क्या है?
जैसे कि नाम से ही आभास हो रहा है फसल (Crop) और चक्र (Rotation) – चक्र का मतलब होता है एक क्रम या अदल बदल कर । तो फसल चक्र का मतलब होता है फसलों को बदल बदल कर उगाना।
मतलब एक ही खेत में अलग-अलग सीजन में अलग-अलग फसलों को अदल – बदल कर उगाना फसल चक्र कहलाता है । इसका मुख्य उद्देश्य मृदा की उर्वरता को बनाये रखना है ।
● फसल चक्र से सबसे बड़ी लाभ यह है कि इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहती है ।
● इससे पर्यावरण का संतुलन भी बना रहता है ।
● फसल चक्र से उत्पादन में वृद्धि होती है ।
● चूंकि अलग – अलग प्रकृति के फसलों को अदल बदल कर उगाया जाता है जिससे रोग व कीटों से आक्रमण की संभावना कम होती है
● भूमि को खाली नहीं छोड़ा जाता जिससे निरंतर उत्पादन मिलता रहता है ।
● खाद एवं उर्वरक की कम आवश्यकता होती है । चूंकि दलहनी फसल नाइट्रोजन की पूर्ति अगली फसल के लिए कर देता है जिससे अगली फसल में नाइट्रोजन युक्त उर्वरक की आवश्यकता बहुत ही कम होती है या नहीं होती ।
1)अपनी कृषि भूमि को विश्लेषण करें, जैसे कि मृदा के प्रकार, गुणवत्ता, और फसलों की पूर्व उपज।
2) आपकी क्षेत्र की जलवायु का अध्ययन करें और फसलों के लिए सही मौसम की जांच करें।
3)आपकी भूमि की विशेषताओं के आधार पर विभिन्न फसलों का चयन करें।
4)अपनी भूमि की स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए मृदा को नियमित रूप से ट्रीट करें। इसमें मृदा के पोषण के लिए जरूरी खाद्य पूर्णक और उपयुक्त प्रकार के पोषण तत्वों का इस्तेमाल शामिल होता है।
5) फसल रोटेशन के बारे में सोचते समय, कीटों और बीमारियों के विरुद्ध कार्यवाही की योजना बनाएं।
6) विभिन्न फसलों के साथ विभिन्न कीट-रोग के प्रति सुरक्षित होने के लिए सावधानी बरतें।
7)विशेष रूप से समय-समय पर जमीन की गहराई की जांच करें, जिससे मृदा की स्वास्थ्य को मैंटेन किया जा सकता है।
फसल रोटेशन को अपनी कृषि योजना में शामिल करने से, आपके खेत की मृदा स्वस्थ और फसलें सुरक्षित रहेंगी और आप अच्छी फसलों की प्राप्ति कर सकते हैं।
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