How and When to Grow Sweet Potatoes? Complete Guide (शकरकंद की खेती कब और कैसे करें? पूरी जानकारी)

Sweet potato, known for its rich nutrition and quick-growing nature, is a crop that can offer good profits. It is mainly grown in tropical and sub-tropical regions. Sweet potatoes are sweet in taste and can be used in various forms such as boiled, roasted, or added to dishes. If you're considering growing sweet potatoes, it's essential to know the right time, soil, planting methods, and care required. In this article, we will provide detailed information about the key aspects of sweet potato farming.

शकरकंद एक पोषण से भरपूर और तेजी से उगने वाली फसल है, जो किसान को अच्छा मुनाफा दे सकती है। इसकी खेती मुख्यतः उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है। शकरकंद का स्वाद मीठा होता है और यह कई प्रकार से उपयोग की जाती है, जैसे उबालकर, भूनकर या भोजन में डालकर। इस लेख में हम शकरकंद की खेती के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में विस्तार से बताएंगे...

शकरकंद की खेती के लिए सही समय

शकरकंद की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय फरवरी से मार्च और जून से जुलाई के बीच होता है। यह फसल गर्म जलवायु में अच्छी तरह से विकसित होती है और अत्यधिक ठंड में इसकी फसल को नुकसान हो सकता है। बुवाई का सही समय फसल की गुणवत्ता और उपज को प्रभावित करता है, इसलिए किसानों को इन महीनों में ही बुवाई करनी चाहिए ताकि पौधे सही समय पर विकसित हो सकें।

शकरकंद की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

शकरकंद के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी बलुई दोमट मिट्टी मानी जाती है। मिट्टी का पीएच स्तर 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए, जो पौधों के अच्छे विकास के लिए अनुकूल है। मिट्टी की जल निकासी अच्छी होनी चाहिए, ताकि जड़ें सड़ने से बच सकें। मिट्टी की तैयारी के लिए खेत को गहरी जुताई करें और उसमें जैविक खाद जैसे गोबर की खाद डालें। यह पौधों को पोषण प्रदान करने में मदद करता है।

शकरकंद की बुवाई की विधि

शकरकंद की बुवाई बेल या कटिंग से की जाती है। बेल की लंबाई 20 से 25 सेंटीमीटर होती है और बुवाई के समय इसे मिट्टी में 4-5 सेंटीमीटर गहराई तक लगाना चाहिए। बेलों के बीच 30 सेंटीमीटर और पंक्तियों के बीच 60 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए ताकि पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। बुवाई के बाद खेत को हल्की सिंचाई दें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे।

सिंचाई और खाद प्रबंधन

शकरकंद की फसल को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है, खासकर जब पौधे छोटे होते हैं। पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद करें और फिर हर 8 से 10 दिन में हल्की सिंचाई करें। अत्यधिक पानी से बचें, क्योंकि इससे जड़ें सड़ सकती हैं। उर्वरक के रूप में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का संतुलित मिश्रण दें। इसके अलावा, जैविक खाद का उपयोग भी शकरकंद के विकास के लिए फायदेमंद होता है।

शकरकंद की कटाई

शकरकंद की कटाई लगभग 100-120 दिनों के बाद की जाती है, जब पौधे पीले पड़ने लगते हैं और पत्तियों में सूखापन आ जाता है। कटाई के दौरान सावधानी बरतें, ताकि शकरकंद को नुकसान न पहुंचे और उनका आकार सही बना रहे। कटाई के बाद शकरकंद को छायादार जगह पर सुखाएं और फिर भंडारण के लिए रख लें। शकरकंद को भंडारण के दौरान ठंडी और सूखी जगह पर रखें, ताकि उसकी गुणवत्ता बनी रहे।

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शकरकंद की खेती से लाभ

शकरकंद की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है। यह कम लागत में उगाई जा सकती है और इसकी मार्केट में हमेशा मांग रहती है। शकरकंद का उपयोग घरेलू खपत के अलावा औद्योगिक उत्पादों में भी किया जाता है, जैसे शकरकंद का पेस्ट, जैम, और आटा। इसके अलावा, शकरकंद स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है, क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में विटामिन, खनिज और फाइबर होते हैं। सही तरीके से इसकी खेती करने पर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

निष्कर्ष

शकरकंद की खेती करने के लिए सही समय, मिट्टी, बुवाई की विधि और देखभाल महत्वपूर्ण हैं। यदि किसान इन सभी पहलुओं का ध्यान रखें और सही तकनीक अपनाएं, तो शकरकंद की फसल उन्हें अच्छी उपज और मुनाफा दे सकती है। यह एक फायदेमंद और कम समय में उगने वाली फसल है, जो किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।

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Best Time for Growing Sweet Potatoes

The ideal time for growing sweet potatoes is between February to March and June to July. This crop thrives in warm climates and can be damaged in cold weather. Planting at the right time plays a crucial role in the quality and yield of the crop. Therefore, it’s recommended to plant sweet potatoes during these months to ensure healthy plant growth.

Suitable Soil for Sweet Potatoes

Sweet potatoes grow best in loamy or sandy loam soil. The soil should have a pH level between 5.5 and 6.5, which is ideal for proper plant growth. It is important to ensure good drainage in the soil to prevent the roots from rotting. Before planting, plow the soil thoroughly and add organic matter like cow dung or compost to improve soil fertility.

Planting Sweet Potatoes

Sweet potatoes are planted using slips or cuttings. The length of each slip should be around 20 to 25 centimeters. When planting, bury the slips 4-5 centimeters deep in the soil. Maintain a planting distance of about 30 centimeters between plants and 60 centimeters between rows to give them enough space to grow. After planting, ensure that the soil remains moist, especially during the early stages.

Watering and Fertilizer Management

Sweet potato plants require regular watering, especially when they are young. The first irrigation should be done immediately after planting, and subsequent watering should be done every 8 to 10 days. Be cautious not to overwater the plants, as excess moisture can cause root rot. For fertilizers, a balanced mix of nitrogen, phosphorus, and potassium should be applied. Additionally, organic fertilizers like compost and cow dung help improve the overall quality of the crop.

Harvesting Sweet Potatoes

Sweet potatoes are ready to be harvested after 100 to 120 days, when the plants start to yellow and the leaves begin to dry. Harvesting should be done carefully to avoid damaging the tubers and to maintain their size and quality. After harvesting, store the sweet potatoes in a shaded area to dry. For long-term storage, ensure that the sweet potatoes are kept in a cool and dry place.

Benefits of Growing Sweet Potatoes

Sweet potato farming can be a profitable venture for farmers. It requires low input costs and has a constant demand in the market. Apart from household consumption, sweet potatoes are also used in industrial products such as sweet potato paste, jam, and flour. They are also highly nutritious, rich in vitamins, minerals, and fiber, making them a healthy food choice. By following the right techniques, farmers can achieve good yields and make a profitable return.

Conclusion

Growing sweet potatoes can be a rewarding and low-maintenance farming option if farmers follow the right methods. The key aspects such as planting time, soil type, and proper care significantly impact the yield and quality of the crop. By adopting the correct practices, sweet potato farming can lead to a successful and profitable venture. This fast-growing crop is an excellent choice for farmers seeking a sustainable and profitable farming option.

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