Maize Farming: A Complete Guide (मक्का की खेती: बुवाई से कटाई तक की पूरी प्रक्रिया)

Maize, also known as corn, is a vital cereal crop grown extensively in India. It serves as a staple food, animal fodder, and an industrial raw material. Maize thrives in warm and humid climates with a temperature range of 21°C to 27°C and annual rainfall of 50-100 cm. The ideal soil for maize cultivation is sandy loam with proper drainage and a pH level of 5.5 to 7.5.

मक्का, जिसे भुट्टा या कॉर्न भी कहा जाता है, भारत में एक महत्वपूर्ण अनाज है। यह न केवल भोजन के रूप में बल्कि पशुओं के चारे और औद्योगिक उपयोग के लिए भी उगाया जाता है। मक्का की खेती मुख्य रूप से गर्म और आर्द्र जलवायु में की जाती है, जहां 21°C से 27°C के बीच तापमान और 50-100 सेमी तक वर्षा होती है। मक्का की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है, जिसमें जल निकासी की उचित व्यवस्था हो।

मक्का की बुवाई

मक्का की बुवाई खरीफ, रबी और ग्रीष्मकालीन फसल के रूप में की जाती है। खरीफ फसल की बुवाई जून-जुलाई में, रबी फसल की बुवाई अक्टूबर-नवंबर में, और ग्रीष्मकालीन फसल की बुवाई फरवरी-मार्च में की जाती है। बुवाई के लिए उच्च उत्पादन वाली और रोग प्रतिरोधक किस्मों का चयन करना चाहिए, जैसे देवानंद, प्रभात और विजय। प्रति हेक्टेयर 20-25 किलोग्राम बीज पर्याप्त होते हैं, जिन्हें 20-25 सेमी की दूरी पर बोया जाता है।

खेत की तैयारी और खाद प्रबंधन

खेत की जुताई 2-3 बार करके मिट्टी को भुरभुरा बनाना चाहिए। इसके बाद 10-12 टन गोबर की खाद डालें और मिट्टी को तैयार करें। बुवाई के समय फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा डालें, जबकि नाइट्रोजन को तीन चरणों में विभाजित करें—बुवाई, पौध वृद्धि और फूल आने के समय। मक्का की खेती में सिंचाई का प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। खरीफ फसल मानसून पर निर्भर रहती है, जबकि रबी और ग्रीष्मकालीन फसल के लिए 6-8 सिंचाई की आवश्यकता होती है।

निराई-गुड़ाई और कीट प्रबंधन

खरपतवार मक्का की उपज को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए बुवाई के 20-30 दिन बाद निराई-गुड़ाई करें। शाकनाशी जैसे अट्राजीन का उपयोग खरपतवार नियंत्रण के लिए किया जा सकता है। मक्का की फसल को तना सड़न और पत्ती झुलसा जैसे रोग प्रभावित कर सकते हैं। इनसे बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक किस्मों का उपयोग करें और समय पर उचित दवाओं का छिड़काव करें। तना छेदक और हरा भृंग जैसे कीटों से बचाव के लिए मोनोक्रोटोफॉस और अन्य कीटनाशकों का उपयोग करें।

कटाई और उपज

मक्का की फसल आमतौर पर 90-120 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। कटाई तब करें जब पौधों की पत्तियां सूख जाएं और भुट्टों के दाने पूरी तरह पक जाएं। मक्का की औसत उपज 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। मक्का का उपयोग भोजन, पशु चारा और औद्योगिक उत्पादों जैसे स्टार्च, ग्लूकोज और एथेनॉल के निर्माण में किया जाता है।

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आधुनिक तकनीक का उपयोग

आज के समय में मक्का की खेती में आधुनिक तकनीकों का उपयोग बढ़ रहा है। ड्रिप सिंचाई, जिससे पानी की बचत होती है, और जीरो टिलेज जैसी तकनीकें मृदा संरचना बनाए रखने में सहायक हैं। ड्रोन का उपयोग खेतों की निगरानी और कीटनाशक छिड़काव के लिए किया जा रहा है। सही तकनीकों का उपयोग करके मक्का की खेती को अधिक लाभदायक बनाया जा सकता है।

निष्कर्ष

मक्का की बढ़ती मांग और इसके बहुउपयोगी स्वरूप को देखते हुए, यह फसल किसानों के लिए आय का एक अच्छा स्रोत बन सकती है। सही समय पर खेत की देखभाल और आधुनिक प्रथाओं का पालन करके मक्का की खेती में सफलता हासिल की जा सकती है।

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Sowing Maize

Maize can be grown as a Kharif, Rabi, or summer crop. For Kharif, sowing is done between June and July; for Rabi, between October and November; and for summer crops, between February and March. It is crucial to select high-yield and disease-resistant varieties such as Devnand, Prabhat, and Vijay. Typically, 20-25 kg of seeds per hectare is sufficient, with a spacing of 20-25 cm between plants and 60-75 cm between rows.

Field Preparation and Fertilizer Management

Prepare the field by plowing 2-3 times to make the soil crumbly. Incorporate 10-12 tons of organic manure, such as cow dung, into the soil during preparation. Apply phosphorus and potash fertilizers during sowing, while nitrogen should be divided into three doses—at sowing, during vegetative growth, and at flowering. Proper irrigation is essential; Kharif crops rely on monsoon, while Rabi and summer crops require 6-8 irrigations.

Weeding and Pest Management

Weeds can significantly affect maize yield. The first weeding should be done 20-30 days after sowing. Herbicides like atrazine can also be used to control weeds effectively. Common pests like stem borers and leafhoppers can be managed using appropriate pesticides such as monocrotophos. Additionally, adopting resistant varieties and crop rotation can help minimize pest infestations.

Harvesting and Yield

Maize is ready for harvesting within 90-120 days of sowing. Harvest the crop when the leaves turn dry, and the kernels are fully mature. The average yield of maize is around 25-30 quintals per hectare. Maize is highly versatile, with uses ranging from food products like flour and cornmeal to industrial applications like starch, glucose, and ethanol production.

Modern Techniques in Maize Farming

Modern farming techniques are making maize cultivation more efficient. Drip irrigation helps conserve water, while zero tillage preserves soil structure. Drones are being utilized for field monitoring and pesticide spraying, ensuring precision and time efficiency. Adopting these techniques can significantly boost profitability and sustainability in maize farming.

Conclusion

Maize farming is a profitable venture due to its growing demand and multiple uses. By following the right practices, selecting suitable varieties, and using modern techniques, farmers can achieve higher yields and better profits. With proper management, maize farming can become a sustainable and lucrative option for farmers worldwide.

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